Archive for December 2014

गणित




सारी शिकायतों का हिसाब जोड़ कर


रखा था,


उसने बाहों में लेकर सारा गणित बिगाड़


दिया ।
Wednesday, 31 December 2014
Posted by Unknown

एहसास


हर साल की तरह यह भी चला गया.

कुछ खट्टी मीठी यादें दे गया.

कुछ मस्ती के पल तो कुछ जिम्मेदारियों का एहसास करा गया.

कभी ख़ुशी तो कभी आँखों में पानी दे गया.

अपनों और सपनों में फर्क दिखा गया.

आम सी होती ज़िन्दगी को खास बना गया.

कुछ नग़मे कुछ फ़साने और जोड़ गया.

ज़ज्बातों को मचलने की वजह दे गया.

ज़िन्दगी कितनी हसीं है ये बता गया.
Posted by Unknown

अल्फ़ाज़




अक्सर सूखे हुए होंठों से ही होती हैं मीठी बातें;




प्यास बुझ जाये तो अल्फ़ाज़ और इंसान दोनों बदल 



जाया करते हैं।
Posted by Unknown

पुलिस

वो दोस्त उम्र भर क्या साथ देंगे...




जिन्होंने चौराहे पर पुलिस को 



देख बाइक से उतार दिया !
Posted by Unknown

हिफाजत

तेरे प्यार की हिफाजत कुछ इस तरह की मैंने ,

जब कभी किसी ने प्यार से देखा तो नजरे झुका ली मैंने ।
Posted by Unknown

दुश्मन

मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद, 

वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है। 

मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर, 

रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं ।।

Posted by Unknown

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