Archive for 2014

गणित




सारी शिकायतों का हिसाब जोड़ कर


रखा था,


उसने बाहों में लेकर सारा गणित बिगाड़


दिया ।
Wednesday 31 December 2014
Posted by Unknown

एहसास


हर साल की तरह यह भी चला गया.

कुछ खट्टी मीठी यादें दे गया.

कुछ मस्ती के पल तो कुछ जिम्मेदारियों का एहसास करा गया.

कभी ख़ुशी तो कभी आँखों में पानी दे गया.

अपनों और सपनों में फर्क दिखा गया.

आम सी होती ज़िन्दगी को खास बना गया.

कुछ नग़मे कुछ फ़साने और जोड़ गया.

ज़ज्बातों को मचलने की वजह दे गया.

ज़िन्दगी कितनी हसीं है ये बता गया.
Posted by Unknown

अल्फ़ाज़




अक्सर सूखे हुए होंठों से ही होती हैं मीठी बातें;




प्यास बुझ जाये तो अल्फ़ाज़ और इंसान दोनों बदल 



जाया करते हैं।
Posted by Unknown

पुलिस

वो दोस्त उम्र भर क्या साथ देंगे...




जिन्होंने चौराहे पर पुलिस को 



देख बाइक से उतार दिया !
Posted by Unknown

हिफाजत

तेरे प्यार की हिफाजत कुछ इस तरह की मैंने ,

जब कभी किसी ने प्यार से देखा तो नजरे झुका ली मैंने ।
Posted by Unknown

दुश्मन

मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद, 

वक़्त बेवक्त मेरा नाम लिया करते है। 

मेरी गली से गुज़रते हैं छुपा के खंजर, 

रु-ब-रु होने पर सलाम किया करते हैं ।।

Posted by Unknown

ढूंढना







वो पूछते हैं उनकी मौजूदगी कहाँ हैं मेरी शायरी में


मैं मुस्कुराके कहती हूँ शायरी की वजह का शायरी में 




मौजूदगी ढूंढना अच्छी बात नहीं...
Friday 26 September 2014
Posted by Unknown

कयामत






काश कयामत के दिन सवाल हो बेवफाओं का,




और तुम गले लग के कहो . . . .



ख़ुदा का वास्ता मेरा नाम मत लेना...!
Posted by Unknown

दहेज awsm lines










दहेज से जली बेटी को


जब बाप ने आग देनी चाही


तो लाश बोल पड़ी:-


"बाबूजी! फिर मत जलाओ,


जलने मेँ बड़ा दर्द होता है।"
Posted by Unknown

तकलीफ








दिल के छालो को कोई शायरी कहे,

तो दर्द नही होता,

तकलीफ तो तब होती है,

जब कोई वाह_वाह करता है.....!!!!
Posted by Unknown

कहानी








बुझे जो सिर्फ तुमसे वो प्यास बन जाओ

ढुढता फिरे हर कोई वो तलाश बन जाओ,

मत सोचो तुम पर कोई कहानी लिखी जाए

तुम खुद दुनिया के लिए इतिहास बन जाओ.
Posted by Unknown

Aayegi




Palat Ke Aayegi Woh Intezaar Karta Hun..
Qasam Khuda Ki Usey Ab Bhi Pyaar Karta Hun...!
Main Jaanta Hun Ki Ye Sirf Dard Deti Hain..
Magar Main Chaahaton Pe Aaj Bhi Aitbaar Karta Hun ...!! 
Posted by Unknown

top


Saturday 2 August 2014
Posted by Unknown

Kadmon









Kabi Dekha Nahi Usko Ankh Bhar Ke
'
Rubaru Hote Hi Palken Jhuk Jati Hai

Keh Do Unse Guzre Hamari Galiyon Se Aahista

Kueki Unke Kadmon Ki Aahat Se Dharkane Meri Ruk Jati 

Hai !!!
Posted by Unknown

insan


Posted by Unknown

like this




Posted by Unknown

जिंदगी जख्मो से भरी हैं







जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख 



लो , 


हारना तो मौत के सामने फिलहाल जिंदगी से जीतना 



सीख लो...
Friday 1 August 2014
Posted by Unknown

कलम





लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी,


पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया ।
Posted by Unknown

मौसम ने अपना मिजाज








मौसम ने अपना मिजाज आज ईस कदर जमाया है...


लगता है खुदा को रुलाने आज 


कोई आशिक उनकी महफिल मे


आया है ..!!
Posted by Unknown

मुहब्बत









ना ज़ाहिर हुई तुमसे ना बयाँ हुई हमसे,




बस सुलझी हुई आँखों में उलझी रही मुहब्बत!
Posted by Unknown

भूख ले जाती है ऐसे







''बेचता यूँ

ही नहीं है

आदमी ईमान को,

भूख ले जाती है ऐसे

मोड़ पर इंसान

को ।

सब्र की इक हद

भी होती है

तवज्जो दीजिए,

गर्म रक्खें कब

तलक नारों से

दस्तरख़्वान को ।

शबनमी होंठों की गर्मी दे

न पाएगी सुकून,

पेट के भूगोल में

उलझे हुए इंसान

को ।

पार कर

पाएगी ये

कहना मुकम्मल

भूल है,

इस अहद

की सभ्यता नफ़रत

के रेगिस्तान को''...
Posted by Unknown

कौन हूँ मैं,












कौन हूँ मैं,


अपने आप को पहचान नहीं पाई...

ना मेरा कोई वज़ूद है,

ना मेरा कोई अस्तित्व ।


मैं तो वो हूँ,

जिसने बचपन की अटखेलियाँ नहीं देखी..

वक़्त ने समय से पहले बड़ा कर दिया..

ज़िन्दगी की अनबुझ पहेलियों ने किनारा दिखाया,

वक़्त के थपेड़ों ने ज़िन्दगी सिखलाई ।


या फिर वो हूँ,

जिसने दिलों के रिश्ते टूटते देखे और

अपने आप को बिखरते देखा....
Posted by Unknown

जज़बातों







इस दुनिया के


लोग भी कितने


अजीब है ना ;


सारे खिलौने


छोड़ कर


जज़बातों से


खेलते हैं...
Posted by Unknown

दूरियाँ







नहीं आसाँ तो मुश्किल ही सही

मुझको मोहब्बत है' तुम से ही 

नाज़ है तुम्हें' थोड़ा ग़ुरूर मुझे

मैंने दिल लगाया है' तुम से ही

आज न पिघला तो कल पिघलेगा

यह बात हम सुनेंगे' तुम से ही

आज दूरियाँ हैं तेरे-मेरे बीच

ज़रूर कल मिलेंगे' तुम से ही....
Posted by Unknown

चांद बादल







"चांद बादल बारिश सब छोडिये


क्यू ज़ाया अपनी दीद करें..


इक बार वो छत पे आ जाए


तो हम भी अपनी ईद करें."
Posted by Unknown

पत्थरों के द्वार







पत्थरों के द्वार पर माथा पटक कर देखिए

खून से ताजा सना दामन झटक कर देखिए

तोडिए मत घर किसी का, या शीशा ए दिल

तोड़ने का शौक है तो खुद चटक कर देखिए

कब मिला है राजपथ पर या प्रगति मैदान में

ज़िन्दगी का सत्य गलियों में भटक कर देखिए

खुद ब खुद अच्छे बुरे का फैंसला हो जाएगा

एक दिन अपनी ही आँखों में खटक कर देखिए

कर चुके उपभोग अति उल्लास के अवसाद का

अब किसी असहाय आँसू में अटक कर देखिए....
Posted by Unknown

“वादा-ए-वफ़ा



मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम

है,

और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको,

हुमारा ये पेघाम हैं,

“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद

को फ़ना करो,

वरना खुदा के लिए

किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
Posted by Unknown

अश्कों से फ़िर भर दिया









"मेरे लिए रात ने

आज फ़राहम किया 

एक नया मरहला 

नींदों ने ख़ाली किया 

अश्कों से फ़िर भर दिया 

कासा मेरी आँख का 

और कहा कान में ...

मैंने हर एक जुर्म से 

तुमको बरी कर दिया 

मैंने सदा के लिए 

तुमको रिहा कर दिया....
Monday 28 July 2014
Posted by Unknown

Popular Post

Powered by Blogger.

Contributors

Followers

Search This Blog