Archive for July 2014
ऐसी कहानी जो दिल छू जाये...
ऐसी कहानी जो दिल छू जाये....
लड़की लड़के से आखरी बार मिलने
आई है..
वो लड़के से कहती है-तुम मुझे भूल
जाओ..
मैं अब किसी और की होने
जा रही हूँ..
कल मेरी शादी है..
लड़का चुपचाप उसे देखता रहता है..
लड़की फिरकहती है-कुछ बोलोगे
नहीं..
लड़का मुस्कुराता है..और कहता है-
गौर से पढ़िए.........
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
इस झूठी दुनिया में मुझसे,
जो सच्ची मोहब्बत करता था,,
मेरे रूठने पे वो रो देता,
मेरी डांट पे भी खुश हो लेता,,
जब सारे साथ छुड़ा लेते,
चुपके से साथ वो हो लेता,,
हिम्मतवाला था यूँ तो पर,
मुझको खोने से डरता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
मुझसे मिलने की खातिर वो,
बारिश में भीगकर आता था,,
जिस रोज मैं खाना न खाऊं,
उस दिन उपवास मनाता था,,
कोई और नहीं था उसका बस,
मुझसे ही जीता-मरता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
गलती मेरी भी होने पर,
माफ़ी की गुजारिश
करता था,,
हर हाल में मैं हंसती जाऊं,
इस कोशिश में बस रहता था,,
मैं कैसे उसकी हो जाऊं,
हर पल ये सोचा करता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
मेरे लाख मना करने पर भी,
मेरा नाम जोर से लेता था,,
मेरी एक हंसी की खातिर वो,
कुछ गाने भी गा देता था,,
मेरा हाथ पकड़ दुनिया से वो,
लड़ने की बातें करता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
मुझसे मिलने से पहले वो,
दुनिया में बहुत अकेला था,,
जब पहली बार उसे देखा,
चेहरे पे दर्द का मेला था,,
मेरे साथ में थी वो बात की वो,
हरदम ही हँसता रहता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
जब नींद मुझे आ जाती थी,
वो डांट के मुझे सुलाता था,,
अपनी पगलाई बातों से,
अक्सर वो मुझे रुलाता था,,
उसका जीवन बिखरा था पर,
मेरा ख़याल वो रखता था,,
कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,,
कुछ मजबूरी के चलते जब,
मैंने उससे हाथ छुड़ाया था,,
उसने न कोई शिकायत की,
बस धीरे से मुस्काया था.....
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किसी शायरने मौत को क्या खुब कहा है
किसी शायरने मौत को क्या खुब कहा है;
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. .. जिंदगी मे २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा.. , आज सब मेरे पास बैठे
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. .. जिंदगी मे २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा.. , आज सब मेरे पास बैठे
जा रहे थे.. .
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. .. कोई तौफा ना मिला आज तक.. , और आज फुल-हि-फुल दिये जा
.
. .. कोई तौफा ना मिला आज तक.. , और आज फुल-हि-फुल दिये जा
रहे थे.. .
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. .. तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये.. , और आज कंधे पे कंधे
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. .. तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये.. , और आज कंधे पे कंधे
दिये जा रहे थे.. .
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. .. दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई.. , और आज काफिला
.
. .. दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई.. , और आज काफिला
बन
साथ चले जा रहे थे.. .
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. .. आज पता चला मुझे कि "मौत" कितनी हसिन होती है.. . कम्बख्त.
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. .. आज पता चला मुझे कि "मौत" कितनी हसिन होती है.. . कम्बख्त.
. . हम तो युहि 'जिंदगी' जिये जा रहे थे.. . ..
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लाशों
अपना हर एक दर्द हमने, लिख दिया, लिख
दिया
तुमने दिल जो-जो कहा, कर दिया, कर दिया
सुबह से शाम तलक और रात भर ये हुआ
सोचकर तुमको ऐ हमदम, रो दिया, रो दिया
मैं भला क्यूं जाउंगा, भीड़
भरी राहों पे
लाशों के जुलूस से मैं, डर गया, डर गया
बस्तियों से अब उजड़के आ गया तन्हाई में
इश्क के इस आशियां में, रह गया, रह गया........
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पाकिस्तान & हिन्दुस्तान
मस्जिद तो हुई हासिल हमको, खाली ईमानगंवा बैठे ।
मंदिर को बचाया लढ-भीडकर, खाली भगवानगंवा बैठे ।
धरती को हमनेनाप लिया, हम चांद सितारों तकपहुंचे ।
कुल कायनात को जीत लिया, खाली इन्सानगंवा बैठे ।
मजहब के ठेकेदारोंने आज फिर हमेयुंभडकाया ।
के काजी और पंडित जिन्दा थे, हम अपनी जानगंवा
बैठे ।
सरहद जब जब भी बंटती है,दोनो नुकसान उठाते है ।
हम पाकिस्तान गंवा बैठे,वो हिन्दुस्तान गंवा बैठ ।
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मोहब्बत
जब छाता है अँधेरा यादों की शम्माँ जला लेते हैं,चाह होती है दीदार की
तुम्हे ख्वाबों में बुला लेते हैं..
हमे मालूम है अंजामे-मोहब्बत का हस्र शिद्द्त से, गुलशन के मुरझाये
हुए फूल हाथों में उठा लेते हैं..
बुलन्दियों को छूने में पैरों की ज़मीन भी ना रही,तुम्हारे कदमों की धूलही
हम माथेसे लगा लेते हैं..
बढ़ जाता है जब हद से ज्यादा बोझ जिंदगी का,अपनी आँखों के कुछ
खारे सागर हम बहा लेते है..
खार ही खार बचे हैं ज़िंदगी के गुलशन में हमारे,बीती हुई यादों से अपने
बागबान को सज़ा लेते हैं..
तेरा नाम लेने में डरते हैं लब जब आज भी मेरे,अपनी दर्द की ग़ज़लों में
ही तुम्हे गुनगुना लेते हैं.....!!
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बारिश की बूंन्दे
बारिश की बूंन्दे, दिल को, जला रही है,कुछ बीते लम्होँ की याद, आ रही
है..
मिलते है, जिसे हर रोज़ ख्वाबोँ मेँ,बस! हर पल उसकी याद, सता रही
है..
कब ईद होगी, चाँन्द का दीदार होगा,मेरी भीँगी पल्केँ उसको, बुला रही
है..
एक अक्स उसका, मन मेँ रोज़ उभरता है,उसकी हर अदा, मदहोश किए,
जा रही है..
दम निकलने से पहले, मेरे दामन मेँ आजा,आखरी साँसेँ तेरी आगोश,
चाह रही है.....!!
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