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- मोहब्बत
Posted by :
Unknown
Thursday 24 July 2014
जब छाता है अँधेरा यादों की शम्माँ जला लेते हैं,चाह होती है दीदार की
तुम्हे ख्वाबों में बुला लेते हैं..
हमे मालूम है अंजामे-मोहब्बत का हस्र शिद्द्त से, गुलशन के मुरझाये
हुए फूल हाथों में उठा लेते हैं..
बुलन्दियों को छूने में पैरों की ज़मीन भी ना रही,तुम्हारे कदमों की धूलही
हम माथेसे लगा लेते हैं..
बढ़ जाता है जब हद से ज्यादा बोझ जिंदगी का,अपनी आँखों के कुछ
खारे सागर हम बहा लेते है..
खार ही खार बचे हैं ज़िंदगी के गुलशन में हमारे,बीती हुई यादों से अपने
बागबान को सज़ा लेते हैं..
तेरा नाम लेने में डरते हैं लब जब आज भी मेरे,अपनी दर्द की ग़ज़लों में
ही तुम्हे गुनगुना लेते हैं.....!!