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Posted by :
Unknown
Monday, 28 July 2014
अपना हर एक दर्द हमने, लिख दिया, लिख
दिया
तुमने दिल जो-जो कहा, कर दिया, कर दिया
सुबह से शाम तलक और रात भर ये हुआ
सोचकर तुमको ऐ हमदम, रो दिया, रो दिया
मैं भला क्यूं जाउंगा, भीड़
भरी राहों पे
लाशों के जुलूस से मैं, डर गया, डर गया
बस्तियों से अब उजड़के आ गया तन्हाई में
इश्क के इस आशियां में, रह गया, रह गया........