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- दामन से ना लिपटो..
Posted by :
Unknown
Thursday 24 July 2014
मैं हर रिश्ते से हूँ बेज़ार, मेरे दामन से ना लिपटो,नहीं तुमसे भी सरोकार,
मेरे दामन से ना लिपटो..
वही पाया है मैनें, लिखा तकदीर में जो था,इस तरहां होक शर्मशार, मेरे
दामन ना लिपटो..
तुम्हें है शौक, दिल तोड़ने वादे भुलाने का,करो तुम येही कारोबार, मेरे
दामन से ना लिपटो..
मुझे ये जख्म तो मेरी ही, वफाओं ने दिए हैं,कह के खुदको गुनहगार, मेरे
दामन से ना लिपटो..
जो था तेरी हिफाजत में, वही लूटा है तूने,नहीं कोई तुझसा पहरेदार, मेरे
दामन से ना लिपटो..
जमां हैं कातिल शातिर सब वहाँ, तुम भी चले जाओ,लगा है जुल्म का
दरबार, मेरे दामन से ना लिपटो.....!!