Posted by : Unknown Thursday, 24 July 2014








मस्जिद तो हुई हासिल हमको, खाली ईमानगंवा बैठे ।


मंदिर को बचाया लढ-भीडकर, खाली भगवानगंवा बैठे ।


धरती को हमनेनाप लिया, हम चांद सितारों तकपहुंचे ।


कुल कायनात को जीत लिया, खाली इन्सानगंवा बैठे ।


मजहब के ठेकेदारोंने आज फिर हमेयुंभडकाया ।


के काजी और पंडित जिन्दा थे, हम अपनी जानगंवा 


बैठे ।


सरहद जब जब भी बंटती है,दोनो नुकसान उठाते है ।


हम पाकिस्तान गंवा बैठे,वो हिन्दुस्तान गंवा बैठ ।

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